000 | 01306nam a2200181Ia 4500 | ||
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005 | 20250725160725.0 | ||
041 | _aMAR | ||
082 | _b/गोड | ||
100 | _aगोडबोले, मंगला | ||
245 | 0 | _aवयात येताना | |
250 | _aTHIRD | ||
260 |
_bदिलीप माजगावकर, राजहंस प्रकाशन _c1990 _a१०२५, सदाशिव पेठ,पुणे-३० |
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300 |
_a149 _bPaperback |
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520 | _aवयात येण्याचे दिवस म्हणजे मुलीच्या आयुष्यातले सर्वात नाजूक दिवस. या दिवसात तिच्या शरीरात तर नाना घडामोडी होतातच, पण तीच मनही नवा आकार घेत. समाजाच्या तिच्याकडून अपेक्षा बदलतात. एकाच वेळी या अनेक बदलांना तिने सामोर कसं जाव हे सांगणार म्हणजेच यौवनाचा अर्थ सांगणार पुस्तक. | ||
650 | _aHUMAN DEVELOPMENT | ||
700 | _aखानविलकर, वैजयंती | ||
942 | _cBK-JPIP | ||
999 |
_c4572 _d4572 |