000 | 01315nam a2200181Ia 4500 | ||
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005 | 20250619122310.0 | ||
041 | _aMAR | ||
082 | _b/भोप | ||
100 | _aभोपटकर , अलका | ||
245 | 0 | _aहितगुज किशोरींशी | |
250 | _aFIRST | ||
260 |
_b पद्मिनी रुईकर , पाम आर्टस and प्रिंट्स _c2003 _aकसबा पेठ , पुणे 411011 |
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300 |
_a40 _bPaperback |
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520 | _aवयात येणाऱ्या मुलींना चांगल्या सवयी लागाव्यात. त्यांनी अभ्यासाकडे लक्ष द्यावे , केवळ अभ्यासच नाही तर एखाद्या कलेत त्यांना रस वाटला तर ती कला त्यांनी जोपासावी व या धोक्याच्या वळणावर त्यांनी सावध राहावे.हे सांगण्यासाठी या पुस्तकाची निर्मिती लेखिकांना करावीशी वाटली.. | ||
650 | _aCHILD AND ADOLESCENT DEVELOPMENT | ||
700 | _aबल्लाळ चारुलता | ||
942 | _cBK-JPIP | ||
999 |
_c3448 _d3448 |